क्रीपटों करन्सी वॉलेट एक तरह का प्रोग्राम सॉफ्टवेयर है या system है जो की public key ओर private key स्टोर करता है ।

क्रीपटों करन्सी वॉलेट क्या है ?

यह एक सर्वर मे स्टोर करने  वाला डिजिटल स्टॉरिज है ओर इसे हम प्रोग्राम सॉफ्टवेयर या सीसतेम भी बोल सकते है । जब हम इसमे अकाउंट ओपन करते है हैं तो यह हमे दो तरह का अड्रेस देता है । जिसे हम  Public ओर private  key के नाम से जानते है । 

Public और Private key क्या है ?

अगर हम सरल भाषा मे बोले तो वॉलेट हमे दो तरह का key देता है । Public  key का उपयोग होता है किसी भी पैसे को लेने के लिए या अपने वॉलेट मे जमा करने के लिए इसे अड्रेस के रूप मे किया जाता है।

Private key का उपयोग सिर्फ पैसे को भेजने के लिए ओर अकाउंट को safe रखने के लिए लिया जाता है ताकि इसे कोई पैसे को चोरी या hack न कर ले । 

Public और Private key का उपयोग कँहा होता है

Public key एक तरह का wallet  का address होता है अगर कोई भी इस अड्रेस पे पैसा भेजता है तो यह सीधा उसके वॉलेटमे आकार जमा हो जाएगा । private key का उपयोग सिर्फ ओर सिर्फ पैसे को भेजने के लिए किया जाता है । यह आपके wallet का सबसे हेड या important key होता है। जिसे हम किसी को भी बात नहीं सकते है । क्यूंकी अगर हम इसे किसी को बात देंगे तो उसे हमारे account या wallet का full control  मिल जाएगा ओर वो कुछ भी कर सकता है ।    

Public key और private key कैसा दिखता है

Cryptography

Crypto wallet  3 प्रकार के होते हैं
  1. SOFTWARE WALLET :- यह online तरह से वॉलेट से  जुड़ा होता है इसका public ओर private key server मे store रहता है ।इसक सबकुछ सर्वर मे स्टोर रहने के कारण इसमे hacking होने के संभावना बढ़ जाता है । 
  2. HARDWARE WALLET :- यह एक तरह के हार्डवेयर device से जुड़ा होता है जैसे की USB drive ,इसे जब हम अपने system मे लगाते है तब कर wallet ओपन होता है फिर हम कोई लेन -देन कर सकते हैं ।इसका प्रॉब्लेम है की अगर इसका पासवर्ड हम कभी भूल जाते हैं तो कभी recover नहीं कर सकते है ।  सारा पैसा डूब जाएगा । लेकिन यह क तरह से safe भी रहता है की इसे कोई hack नहीं कर सकता है । 
  3. PAPER WALLET  :- Paper वॉलेट मे public key ओर private key पेपर मे लिखा होता है ओर सायद QR code भी रहता है । इसलिए इसमे hack होने का कोई संभावना नहीं होती है ओर ये बहुत जयदा  safe रहता है लेकिन इसमे डर रहता की अगर पेपर खो जाए ओर फट जाए तो सब पैसा खतम हो जाएगा ओर फिर नहीं मिलेगा । 

NOTE :-इसे  hot wallet ओर cold wallet भी कहा जाता है । जो wallet का system online या server मे अपना details स्टोर रखता है उसे hot wallet कहा जाता है ओर जो वॉलेट अपना details hard drive या paper के रूप मे रखता है उसे cold wallet कहते हैं। 

 

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