Web 3.0 क्या है
मैंने गूगल में सर्च किया ki web 3,0 क्या है,इनसे अभी तक सही आंसर नहीं , तो आप अगर जानना चाहते हैं कि web 3.0 यह क्या है तो आप सही जगह पर आए हैं,
हमलोग जानेगे
- Web 3.0 . क्या है
- क्रिप्टो करेंसी का आइडिया मौजूदा इंटरनेट के विकास से कैसे जुड़ा है
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इसमें हम आपको बता देना चाहते हैं कि इसका कोई इंटरनेट में सही डेफिनेशन या कोई यूनिवर्सिटी के द्वारा बताया गया prove डेफ़िनटीऑन अभी तक नहीं मिला है
इसमें हम आपको बताएंगे कि 1.0,2.0 ,3.0 क्या है
Web 1.0
1991 से 2004 के बीच बस एक पेज था जिसे हम पढ़ सिर्फ सकते थे अगर कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो बस हम उसे देख सकते थे लेकिन हम उसमें कोई तरह का काम नहीं कर सकता जैसे कि लॉगिन उसको एडिट कर नहीं सकते थे और नाही कुछ डाल सकते थे जिसे सिर्फ read-only ही बोला जाता है . इसमें कोई तरह का कस्टमर को अट्रैक्ट करने वाला चीज नहीं था और इसमें सिर्फ बहुत सारे डाटा का लिंक होता था लेकिन फिर कुछ दिनों बाद इसमें javascript, Flex को ऐड किया गया जिससे कि इसमें कुछ बदलाव कर सके और कस्टमर को आकर्षित कर सकें।
Web 2.0
इंटरनेट की दुनिया बहुत बढ़ चुकी थी इसमें सबसे बड़ा बदलाव हुआ कि अब वेबसाईट द्वारा पढ़ने सकते थे अब हम लोग भी इसमें कुछ अपना अपलोड कर सकते थे जैसे कि फेसबुक ,यूट्यूब मे करते है . इसकी वजह से यह हुआ की बहुत सारी कंपनियां हमारी डाटा store करने लगी , उसके प्लेटफार्म पर और जायद टाइम बिताने लगे । तो इसके कारण से बहुत सारी कंपनी कोशिश करने लगा कि हम लोग के बिहेवियर को जानकर हम लोग से रिलेटेड या इंटरेस्टेड डाटा को दिखाने लगा जिससे हम लोग उसके प्लेटफार्म पर और जायदा टाइम बिताने लगे . जिससे क्या हुआ कि इंटरनेट वाली कंपनियां अच्छा खासा पैसा बनाने लगी , यह लेकिन जब कस्टमर को पता चला कि उसका डाटा को वो सब कंपनियां advertiser को बेचकर पैसा बनती है ,इसमें एडवर्टाइज कंपनी कस्टमर को टारगेट करके लोगों को कुछ भी काम करने के लिए प्रोत्साहन कर सकती थी । इसमें सबसे बड़ा परेशानी यह थी की डाटा को कोई भी यूज कर सकता था और कस्टमर मुसीबत में पड़ सकते थे
क्या करते हैं ,नहीं करते हैं ,आप कहां जाते हैं आपके सारे तरह का इंफॉर्मेशन स्टोर कर सकता था आपकी हर एक पसंद वह आपके लायक और वीडियो देखने के अनुसार उसको आपके इंटरेस्ट का पता चल जाता था जिसके कारण वह आपको अच्छी तरह से टारगेट कर सकता है ।
Web 3.0
Yah एक नया रिवॉल्यूशन है इंटरनेट का इसमें इसमें हम Block chain और डिसेंट्रलाइज्ड के मदद से हम अपने कांटेक्ट का खुद ही मालिक होते है जैसे अगर हम उदाहरण ले की फेसबुक जब हम लोग use करते हैं और अगर हम अपना कोई भी कंटेंट अपलोड करते हैं तो उसको फेसबुक अपने फायदे के लिए यूज़ कर सकता है। लेकिन डिसेंट्रलाइज्ड या web 3,0 मे हम लोग अपना कांटेक्ट का खुद ही मालिक होते हैं उसे हम लोग के सिवा कोई यूज़ नहीं कर सकता मतलब हमारे परमिशन के अनुसार उसे कोई अपना काम के लिए यूज नहीं कर सकता इसमें हमारी सारी तरह का डॉक्यूमेंट safe होते हैं । क्यों कि यह Blockchain पे आधारित होता है इसमें आपका data एक सरवर में स्टोर नहीं होता है या बहुत सारे कंप्यूटर्स में store होता है जिसे कोई आसानी से हैक नहीं कर सकते हैं। इसलिए यह बहुत ही जायद safe माना जाता है ।
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